नाम- अब्दुल रशीद शेख
उपनाम- इंजीनियर रशीद
माता का नाम- रहमी बेग़म
पिता का नाम- खाज़िर मोहम्मद शेख
शिक्षा- विज्ञान से ग्रेजुएशन, सिविल इंजीनियर- डिप्लोमा
जन्मतिथि / उम्र- 19 अगस्त 1967 (57 वर्ष)
जन्म स्थान- कुपवाड़ा, जम्मू-कश्मीर
व्यवसाय / पेशा- राजनीतिज्ञ
राजनीतिक पार्टी- जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी
पद- बारामूला से लोकसभा सांसद, JKAIP- संरक्षक व संस्थापक
जीवनसाथी का नाम- फ़ैमिदा रशीद
बच्चों का नाम-
पुत्र- अबरार रशीद, असरार रशीद
पुत्री- शबनम रशीद
आरोप- यूएपीए, धारा-13, 15, 17, 18, 120-बी, 121, 121-ए, 124-ए के तहत आरोप दर्ज हैं।
विदेश यात्रा- ज्ञात नहीं
जाति और धर्म- शेख, इस्लाम
इंजीनियर रशीद कश्मीर आवामी इत्तेहाद पार्टी के संस्थापक और संरक्षक हैं। इनका सही नाम अब्दुल रशीद शेख हैं। रशीद 2008 में कंस्ट्रक्शन इंजीनियर के पद से इस्तीफा देकर जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आए। कश्मीर के आम लोगों ने इन्हें ‘इंजीनियर रशीद’ नाम दिया। रशीद ने 2008 में पहली बार लंगेट विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में रशीद ने मात्र 17 दिनों का चुनावी अभियान चलाया और चुनाव में जीत दर्ज की। 2008 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में रशीद ने जीत हासिल कर प्रदेश की राजनीति में अपनी कील ठोकी। इसके बाद से रशीद ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार अपनी राजनीति को आगे बढ़ते गए। 2019 में इन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने टेरर फंडिंग गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया। रशीद गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत गिरफ्तार होने वाले पहले जनप्रतिनिधि हैं।
इनकी शुरुआती पढ़ाई लंगेट से हुई। बाद में इन्होंने केजीपी गोगजी बाग, श्रीनगर से बीएससी मेडिकल की डिग्री (ग्रेजुएशन) और सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर राज्य द्वारा संचालित परियोजना निर्माण निगम में बतौर इंजीनियर नौकरी की। 2008 में इंजीनियर की नौकरी छोड़ राजनीति में कदम रखा।
इनकी शादी फ़ैमिदा बेग़म से हुई है। फ़ैमिदा एक गृहणी है। रशीद और फ़ैमिदा के तीन बच्चे (दो लड़के और लड़की) हैं। इनके बच्चों के नाम अबरार रशीद, असरार रशीद और शबनम रशीद है। इंजीनियर रशीद के भाई खुर्शीद अहमद शेख भी आवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) से राजनीति में सक्रिय है।
शेख अब्दुल रशीद किशोरावस्था से ही घाटी की राजनीति से जुड़ गए। 1978 में अब्दुल गनी लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट का प्रमुख सदस्य था। मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट इस्लामिक एजेंडे के तहत राजनीति करता था। रशीद ने 1988 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद दो साल की सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लिया। जम्मू-कश्मीर सरकार के लिए एक दशक तक इन्होंने बतौर इंजीनियर काम किया। इसके बाद रशीद सक्रिय राजनीति में उतरे हैं।
इन्होंने अपना राजनीतिक जीवन 2008 में शुरू हुआ, जब इन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड कऱ जम्मू-कश्मीर के लंगेट विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद इन्होंने 2013 में अपनी राजनीतिक पार्टी जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी की स्थापना की। 2014 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में लंगेट सीट से फिर से जीत दर्ज की। 2014 के आम चुनावों में रशीद ने बारमूला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बाद इन्होंने बारामूला संसदीय क्षेत्र से 2019 में आम चुनाव लड़ा और तीसरे नंबर पर रहे।
केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद- 370 को 5 अगस्त 2019 में खत्म किया गया। इंजीनियर रशीद ने केंद्र सरकार द्वारा घाटी से अनुच्छेद-370 को खत्म करने के फैसले का विरोध किया और इसे लेकर रशीद सड़कों पर भी उतरे।
2019 में अनुच्छेद-370 खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर में लंबे समय तक राजनीतिक अस्थिरता रहीं और 2024 में आम चुनाव हुए। इस चुनाव में रशीद ने बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। इस दौरान रशीद दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद रहे और रशीद के परिवार (बच्चों) ने इनके लिए प्रचार-प्रसार किया। 2024 के आम चुनाव में शेख अब्दुल रशीद ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब 2 लाख वोटों से चुनाव हराया। तब से रशीद जम्मू-कश्मीर सहित देश की राजनीतिक गलियारों में सबसे चर्चित नामों में एक रहे हैं। वर्तमान में शेख अब्दुल रशीद बारामूला के लोकसभा सांसद हैं।
इंजीनियर रशीद जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार करने की अनुमति पर (11 सितंबर 2024 से 2 अक्टूबर 2024 तक) अंतरिम जमानत पर हैं।
बतौर राजनेता इंजीनियर रशीद के नाम विभिन्न उपलब्धियां हैं, जिसमें 2024 के आम चुनावों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को बारामूला लोकसभा सीट से हराया शामिल है। इसके अलावा इन्होंने सरकारी विभाग में इंजीनियर के पद पर करीब 25 साल तक नौकरी की है। रशीद उर्दू के साप्ताहिक अखबार ‘चट्टान’ में अपने राजनीतिक लेखों को लेकर भी काफी प्रसिद्ध रहे हैं।
2008- लंगेट विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक चुने गए।
2014- लंगेट विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक चुने गए।
2024- बारामूला लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय सांसद चुने गए।
चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में इनकी कुल संपत्ति 1.56 करोड़ है, जिसमें 25 ग्राम सोना और करीब 35 हजार रुपये के बैंक डिपोजिट हैं। इसके अलावा इनके पास गैर-कृषि भूमि करीब 65 लाख और करीब 90 लाख का घर हैं। देनदारी की बात करें तो इनके ऊपर करीब 15 लाख की देनदारी है।
अपने बयानों और राजनीतिक विचारधारा को लेकर शेख अब्दुल रशीद यानी इंजीनियर रशीद विवादों में बने रहते हैं।
2005 में इंजीनियर रशीद को श्रीनगर में आतंकवादियों का समर्थन करने के आरोप में एमओजी द्वारा गिरफ्तार किया गया। इनके ऊपर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप थे। इस दौरान इन्हें करीब 3 माह 17 दिन जेल में रहना पड़ा था।
2019 में इंजीनियर रशीद को आतंकी फंडिंग के आरोप में गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया। इस दौरान इन्होंने लोकसभा चुनाव-2024 लड़ा और जीत हासिल की। इन्हें जेल में होने के कारण शुरुआती सत्र में संसद जाने का अवसर नहीं मिला।
प्रश्न- इंजीनियर रशीद पहली बार कब और कहां से चुनाव लड़े थे ?
उत्तर- लंगेट विधानसभा से 2008 में लड़ा।
प्रश्न- इंजीनियर रशीद के कितने बच्चे हैं ?
उत्तर- तीन (दो बेटे और एक बेटी)
प्रश्न- इंजीनियर रशीद के माता-पिता का क्या नाम है ?
उत्तर- माता- रहमी बेग़म, पिता- खाज़िर मोहम्मद शेख
प्रश्न- इंजीनियर रशीद जम्मू-कश्मीर के किस लोकसभा क्षेत्र से सांसद है ?
उत्तर- बारामूला संसदीय क्षेत्र से
प्रश्न- इंजीनियर रशीद की राजनीतिक पार्टी से जुड़े हैं ?
उत्तर- जम्मू-कश्मीर आवामी इत्तेहाद पार्टी
प्रश्न- इंजीनियर रशीद कितनी बार सांसद और विधायक बने हैं ?
उत्तर- दो बार विधायक, एक बार लोकसभा सांसद
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