आंध्र प्रदेश की राजनीति में रेड्डी परिवार का अच्छा खासा वर्चस्व दिखाई देता है। चाहे राजशेखर रेड्डी हो या फिर उनके बेटे जगनमोहन रेड्डी दोनों ही आंध्र की राजनीति में अलग छवि के लिए जाने जाते हैं। जगनमोहन रेड्डी ने अपनी राजनीति जीवन की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी। मगर 2009 में पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी की मृत्यु के बाद कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार नजरअंदाज किए जाने के बाद जगनमोहन रेड्डी ने 2011 में युवाजना श्रमिका रायथू कांग्रेस नाम से अपनी नयी राजनीतिक पार्टी बनायी। इसी पार्टी के दम पर जगनमोहन वर्तमान में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाई और मात्र 7 साल में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया।
जगनमोहन रेड्डी की 12वीं तक की शिक्षा हैदराबाद पब्लिक स्कूल में हुई और स्नातक की पढ़ाई हैदराबाद के प्रगति महाविद्यालय डिग्री और पीजी कॉलेज से हुई है। टॉलीवुड के लोकप्रिय अभिनेता सुमंत कुमार यारलागड्डा स्कूल में वाईएस जगनमोहन रेड्डी के अच्छे मित्र हुआ करते थे।
इनकी शादी 28 अगस्त 1996 में वाईएस भारती रेड्डी से हुई। जगनमोहन और भारती की दो बेटियां हैं, जिनका नाम हर्षा और वर्षा है। जगनमोहन राजनीति में आने से पहले व्यवसाय करते थे। वर्तमान में इनकी बेटियाँ पढ़ाई करती हैं।
इनका राजनीतिक जीवन 2009 लोकसभा चुनाव से शुरु हुआ, जब इन्होंने कडप्पा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2009 लोकसभा चुनाव के कुछ ही महीने बाद इनके पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी की एक हेलीकप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई। पिता की मृत्यु के बाद कांग्रेस पार्टी द्वारा नजरअंदाज किए जाने पर इन्होंने 2010 में कांग्रेस छोड़कर 2011 में वाईएसआर कांग्रेस नाम से नयी पार्टी बनायी। आंध्र प्रदेश में हुए 2012 उपचुनाव में इनकी पार्टी ने 17 विधानसभा और 01 लोकसभा सीट जीतीं। 2014 के विधानसभा चुनाव में इनकी पार्टी को 175 सीटों में से 67 सीटें मिली। इसके बाद 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में इनकी वाईएसआर कांग्रेस को 175 में से 149 सीटें मिली और पूर्ण बहुमत के साथ इन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
राजनीति में आने से पहले जगनमोहन रेड्डी ने 1999-2000 में अपना खुद का बिजनेस शुरु किया। कर्नाटक के संदूर में एक छोटी पावर कंपनी खोली और उसका पूर्वोत्तर राज्यों में विस्तार किया। 2004 में इनके पिता राजशेखर रेड्डी का आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद से इनका बिजनेस तेजी से बढ़ा और इसके बाद इन्होंने अन्य क्षेत्रों में भी निवेश करना शुरू किया। सन् 2009 में पहली बार सक्रिय राजनीति में आए और आंध्र प्रदेश के कडप्पा लोकसभा से सांसद चुनें गए। पिता की मृत्यु के बाद कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार नजरअंदाज करने के कारण सांसद पद और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया।
बतौर राजनेता इन्होंने ना केवल अपने पिता की राजनीतिक विरासत को छोड़कर राजनीतिक संघर्ष किया बल्कि अपनी मेहनत से राज्य की सत्ता के शीर्ष तक भी पहुंचे है। पिता की दुर्घटना में अचानक मौत होने से ना सिर्फ राजनीतिक संकट से जूझना पड़ा, बल्कि अपनी नयी राजनीतिक पार्टी भी बनानी पड़ी।
अपनी राजनीतिक पार्टी बनाकर उपचुनाव लड़ा और भारी जीत दर्ज की। 2014 में इनकी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए आंध्र प्रदेश की राजनीति में मुख्य विपक्षी दल के रूप में अपनी राजनीतिक पहचान बनाई। 2017 में बतौर विपक्ष के नेता और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में जगनमोहन रेड्डी ने ‘प्रजा संकल्प यात्रा’ पूरा आंध्र प्रदेश में की। यह यात्रा करीब 3 हजार किलोमीटर की थी। इस यात्रा का फायदा जगनमोहन को 2019 के विधानसभा चुनाव में हुआ, जब इनकी पार्टी को 175 सीटों में से 151 सीटों पर जीत मिली। 30 मई 2019 को बतौर मुख्यमंत्री इन्होंने आंध्र प्रदेश का कार्यभार संभाला और दक्षिण की राजनीति में अपना वर्चस्व स्थापित किया। आने वाला भविष्य बताएगा जगनमोहन रेड्डी अपनी राजनीतिक यात्रा को कहां तक लेकर जाते हैं।
बतौर मुख्यमंत्री इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जगनन्ना अम्मा वोडी, नवरत्नालु जैसे कई जन कल्याणकारी योजनाओं से आम जनता की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए कार्य किए है। नवरत्नालु में किसानों, महिलाओं, शिक्षा, स्वास्थ से जुड़ी नौ कल्याणकारी योजनाएँ शामिल है। जबकि जगनन्ना अम्मा वोडी गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली योजना है।
2009 में आंध्र प्रदेश के कडप्पा संसदीय क्षेत्र से पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए और साक्षी नाम से अपना एक न्यूज़ चैनल और समाचार पत्र चलाया। 29 नवंबर 2010 को सांसद पद से इस्तीफा दिया और कांग्रेस पार्टी छोड़कर मार्च 2011 में वाईएसआर कांग्रेस नाम से नयी राजनीतिक पार्टी बनानी। कडप्पा संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में अपने विरोधियों को करीब 5 लाख वोटों से हराया। 2017 में बतौर विपक्ष के नेता और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में प्रजा संकल्प यात्रा नाम से पूरा आंध्र प्रदेश की पदयात्रा की। इस दौरान करीब 3000 किलोमीटर तक की दूरी तय की और यह पदयात्रा 430 दिन और राज्य के 125 विधानसभा क्षेत्रों में गई। इस पदयात्रा के लिए ‘रावली जगन, कावली जगन’ नाम से नारा दिया था। 2019 में विधानसभा चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला और जगन मोहन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
चुनाव आयोग के अनुसार 2019 में इनकी कुल संपत्ति 510 करोड़ थी। ये भारत के सबसे अमीर राजनेताओं में से एक हैं और राजनीति के साथ-साथ जगनमोहन रेड्डी कई प्रकार के व्यवसाय भी करते हैं। तेलुगु भाषा के साक्षी समाचार पत्र और टीवी न्यूज़ चैनल के संस्थापक भी है।
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