2023 में ना सिर्फ जनता ने सरकार बदली बल्कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने संगठन को चौंकाते हुए एक ऐसे नेता को मुख्यमंत्री बनाया, जो पहली बार भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा और सीधे प्रदेश का मुख्यमंत्री बना। भजन लाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने से पहले बहुत कम लोग जानते थे। यही कारण है कि इनके बारे में सोशल मीडिया में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। हम आशा करते है कि आपको हमारे इस लेख के माध्यम से राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा अपने पैतृक गांव अटारी से हुई और राजकीय माध्यमिक स्कूल गंगवाना से हाई-स्कूल तक की पढ़ाई की। इन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नदबई (भरतपुर) से की है। जयपुर के एसएसजी सुबोध कॉलेज से इन्होंने (बीए) स्नातक और राजस्थान विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान से (एमए) परास्नातक की डिग्री प्राप्त की है।
इनकी शादी गीता शर्मा से हुई है और इन दोनों के दो पुत्र कुणाल और अभिषेक हैं। एक बेटा डॉक्टर और दूसरा बेटा प्राइवेट नौकरी करता है।
इनका राजनीतिक जीवन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरु हुआ। मात्र 27 वर्ष की उम्र में ये अपने पैतृक गांव के सरपंच चुनें गए। इसके बाद इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ अपनी राजनीति को आगे बढ़ाते गए। इस कारण इन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में जेल गए और प्रदेश के कई आंदोलनों का हिस्सा रहे हैं। संघ में जिला सह-संयोजक और सह-जिला प्रमुख पद पर रहे हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि ये बेहद सरल और सौम्य स्वभाव के व्यक्ति हैं। एबीवीपी, आरएसएस और भाजपा के संगठनों में कई अहम पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
सन् 2003 में इन्होंने पहली बार राजस्थान सामाजिक न्याय मंच (RSNM) के टिकट पर भरतपुर की नदबई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। जिसमें इन्हें मात्र 5900 वोट मिले और इनकी जमानत जब्त हुई। भजन लाल राजस्थान भाजपा के महासचिव पद पर चार बार और अपने पैतृक गांव के सरपंच दो बार रहे हैं। 1990 में इन्होंने एबीवीपी के कश्मीर मार्च में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और 100 कार्यकर्ताओं के साथ उधमपुर में गिरफ्तारी दी। 1992 में राम जन्मभूमि आंदोलन में जेल जाने के बाद इन्हें भाजयुमो में जिम्मेदारी मिली। यही से इनकी राजनीति तेजी से आगे बढ़ने लगी। 2014 में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और 2016 में प्रदेश महासचिव चुने गए। इस दौरान इन्होंने पूर्वी राजस्थान में भाजपा के संगठन को मजबूत करने के लिए जमीनी स्तर पर खूब मेहनत की। 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सहयोगी के रूप में काम किया। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इनके कार्य से काफी प्रभावित हुए।
12 दिसंबर 2023 को भारतीय जनता पार्टी ने भजन लाल शर्मा को अपना मुख्यमंत्री चुना। भजन लाल ने अपने जन्मदिन के मौके पर (15 दिसंबर 2023 को) मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। भजन लाल पहली बार विधायक का चुनाव जीतकर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले व्यक्ति हैं।सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार भजन लाल शर्मा ने कांग्रेस के उम्मीदवार पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48 हजार वोटों से हराया था। राज्य के विधानसभा चुनाव- 2023 में भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों में से 116 सीटों पर जीत मिली। बतौर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को अपना कार्यभार संभाले ज्यादा समय नहीं हुआ है। इसलिए मुख्यमंत्री के रूप में भजन लाल शर्मा का आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी।
मुख्यमंत्री भजन लाल 34 सालों से सक्रिय राजनीति में है। नदबई और भरतपुर क्षेत्र में इन्होंने सामाजिक कार्यों से अपनी एक अलग छवि बनाई है। पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनाना इनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।
चुनावी हलफनामे के अनुसार इनकी कुल संपत्ति 1.5 करोड़ है। जिसमें 43.6 लाख चल संपत्ति और 1 करोड़ अचल संपत्ति है। इसके अलावा इनका खेती और खनिज सप्लाई का व्यवसाय भी है।भजन लाल शर्मा नियमित रूप से मथुरा में गोवर्धन-गिरिराज की परिक्रमा करने के लिए जाते हैं।
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