भगवंत सिंह मान आम आदमी पार्टी के नेता हैं और वर्तमान में पंजाब के मुख्यमंत्री हैं। भगवंत मान एक प्रसिद्ध पंजाबी कॉमेडियन भी रहे है और द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज नामक लोकप्रिय टीवी कॉमेडी प्रतियोगिता का हिस्सा रह चुके हैं। दो बार लोकसभा सांसद और एक बार विधायक रह चुके हैं। भगवंत मान को उनके उपनाम जुग्नू से भी जाना जाता है। सन् 1992 में क्रिएटिव म्यूजिक कंपनी के साथ जुड़े और कई सारे कार्यक्रमों में भाग लिया, भगवंत और जगतर जगगी की जोड़ी 1990 में खूब लोकप्रिय हुई थी।
भगवंत मान की प्रारंभिक शिक्षा चीमा गांव के सरकारी स्कूल से हुई और सुनाम के शहीद ऊधम सिंह महाविद्यालय से इन्होंने वाणिज्य विषय से स्नातक के पहले वर्ष तक की पढ़ाई की थी। इसके बाद भगवंत मान ने कॉमेडी और फिल्म इंडस्ट्री के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाया। भगवंत मान एक मशहूर पंजाबी कॉमेडियन रहे हैं।
भगवंत मान के वैवाहिक जीवन की बात करें तो इन्होंने दो शादियां की हैं। पहली शादी इन्द्रप्रीत कौर से की, जिससे 2015 में तलाक हो गया। दूसरी शादी 2022 में गुरप्रीत कौर से की। भगवंत पंजाब के पहले मुख्यमंत्री है, जिन्होंने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए शादी की है। पहली पत्नी इन्द्रप्रीत कौर से दो बच्चे (बेटा-बेटी) हैं। इन्द्रप्रीत कौर अपने बच्चों के साथ अमेरिका में रहती है।
सन् 1994 में ‘कचहरी’ फिल्म से इन्होंने अपनी सिनेमा जगत की पारी शुरू की थी। अपने फिल्मी कैरियर में भगवंत मान ने करीब 11 फिल्म, 4 संगीत एल्बम और 24 कॉमेडी एल्बम में काम किया। अपनी धमाकेदार कॉमेडी के लिए भगवंत मान काफी लोकप्रिय रहे हैं।
भगवंत सिंह मान राजनीति में आने से पहले एक मशहूर कॉमेडियन रहे हैं और इन्होंने पंजाबी फिल्मों में कई किरदार भी किए हैं। भगवंत मान ने 2011 में मनप्रीत सिंह बादल की पंजाब पीपल्स पार्टी से राजनीति में कदम रखा और बाद में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। पंजाब के संगरूर लोकसभा क्षेत्र से दो बार (16वीं और 17वीं लोकसभा चुनाव में) सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी के टिकट से जलालाबाद से चुनाव लड़ा और 18 हजार से अधिक वोटों से हार गए। 2022 विधानसभा चुनाव में इन्होंने धुरी विधासभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और 58 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की।
भगवंत सिंह मान ने 2012 में पंजाब पीपुल्स पार्टी से लेहरा विधानसभा से चुनाव लड़ा और हार गए। इसके बाद इन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन की और 2014 में संगरूर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। जिसमें इन्हें दो लाख से अधिक वोटों से जीत मिली। 2019 लोकसभा चुनाव में इन्होंने एक लाख से भी अधिक वोटों के अंतर से संगरूर लोकसभा सीट जीतीं और लगातार दूसरी बार लोकसभा पहुंचे। भगवंत मान को आम आदमी पार्टी ने 8 मई 2017 को पंजाब इकाई का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल के द्वारा ड्रग माफिया को कथित रूप से संरक्षण देने के लिए अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मानहानि मामले में अदालत में माफी मांगने के कारण इन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। पंजाब विधानसभा चुनाव- 2022 में आम आदमी पार्टी को 117 सीटों में से 92 सीटें पर जीत मिली और आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया। भगवंत मान वर्तमान में पंजाब के (17वें) मुख्यमंत्री पद पर हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में भगवंत सिंह मान ने 16 मार्च 2022 को शपथ ली। बतौर मुख्यमंत्री इन्होंने पंजाब में सबसे पहले वीआईपी कल्चर खत्म करने की दिशा में कदम उठाएं और 122 पूर्व विधायकों और मंत्रियों से पुलिस सुरक्षा वापस ली। अपनी पहली कैबिनेट बैठक में इन्होंने 25 हजार रिक्त पदों को भरने का फैसला लिया और 35 हजार संविदा कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारी घोषित किया। इसके अलावा भगवंत मान ने शिक्षा, कृषि, परिवहन, बिजली, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में कई ठोस कदम उठाएँ हैं, जिनका फायदा आम जनता को मिल रहा है।
सुनाम, पटियाला के शहीद उधम सिंह सरकारी कॉलेज, पंजाब विश्वविद्यालय के लिए दो स्वर्ण पदक, पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में भू-जल के प्रदूषित होने के कारण शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए ‘लोक लहर फाउंडेशन’ चलाते हैं। इसके अलावा इन्हें कॉमेडी के क्षेत्र में कई पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैं।
वर्ष 2022 विधानसभा के चुनावी हलफनामे के अनुसार इनकी कुल संपत्ति 1.97 करोड़ हैं; जिसमें 1.67 करोड़ शुद्ध संपत्ति और 30.36 लाख का कर्जा इनके ऊपर है। 2019 के मुकाबले इनके संपत्ति में बढ़ोत्तरी हुई है।
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