कुमारी सैलजा
लोकसभा सांसद- सिरसा, हरियाणा
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कुमारी सैलजा

लोकसभा सांसद- सिरसा, हरियाणा

Table of Content

  • कुमारी सैलजा की जीवनी, प्रारंभिक शिक्षा और राजनीति इतिहास
  • कुमारी सैलजा की शिक्षा
  • कुमारी सैलजा का पारिवारिक जीवन
  • कुमारी सैलजा का राजनीतिक कैरियर
  • कुमारी सैलजा की उपलब्धियाँ
  • कुमारी सैलजा से जुड़े विवाद
  • कुमारी सैलजा की संपत्ति

कुमारी सैलजा की जीवनी, प्रारंभिक शिक्षा और राजनीति इतिहास



नाम- कुमारी सैलजा

माता का नाम- श्रीमती कलावती देवी

पिता का नाम- श्री चौधरी दलबीर सिंह

शिक्षा- एमए और एम. फिल

जन्मतिथि / उम्र- 24 सितंबर 1962

जन्म स्थान- परभुवाला, हिसार

व्यवसाय / पेशा- राजनीतिज्ञ

राजनीतिक पार्टी- कांग्रेस

पद- लोकसभा सांसद (सिरसा)

जीवनसाथी का नाम- अविवाहित

भाई- ज्ञात नहीं

बहन- स्व. नताशा रंगा

आरोप- कोई आरोप नहीं है

विदेश यात्रा- इटली, साइप्रस आदि

जाति और धर्म- दलित, हिंदू


कुमारी सैलजा को राजनीति अपने पिता चौधरी दलबीर सिंह से विरासत में मिली। सैलजा हरियाणा के दलित समाज से आती हैं। हरियाणा की राजनीति में बतौर महिला राजनेता कुमारी सैलजा का नाम सबसे ऊपर आता है। इनका राजनीति सफर काफी लंबा रहा है। हरियाणा की राजनीति में दलित नेता के रूप में सबसे पहले इनका नाम लिया जाता है। करीब 35 वर्ष के अपने राजनीतिक जीवन में इन्होंने विभिन्न पदों की जिम्मेदारी निभाने वाले सैलजा ने महिला सशक्तीकरण और हाशिए पर खड़े समाज के उत्थान के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है।


कुमारी सैलजा की शिक्षा


इनकी प्रारंभिक शिक्षा कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल, दिल्ली से हुई। इसके बाद इन्होंने एमए और एम फिल (स्नातकोत्तर) की डिग्री पंजाब विश्वविद्यालय से हासिल की। शिक्षा पूरी करने के बाद सैलजा ने राजनीति में कदम रखा और पिछले 35 सालों से देश की राजनीति में सक्रिय हैं।


कुमारी सैलजा का पारिवारिक जीवन


इनके पिता चौधरी दलबीर सिंह हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और एआईसीसी के महासचिव से लेकर केंद्रीय मंत्री भी रहे और इनकी माता गृहणी थी। कुमारी सैलजा की बड़ी बहन नताशा रंगा जो कि आईएएस अधिकारी रहे डॉ. आरके रंगा की धर्मपत्नी थीं का स्वर्गवास 2022 में हो गया था। अविवाहित कुमारी सैलजा का लम्बा राजनीतिक जीवन रहा है। इनके पिता सिरसा लोकसभा से तीन बार सांसद रहे और 1952 के आम चुनाव में टोहना निर्वाचन क्षेत्र से दलबीर निर्वाचित हुए, मगर कम आयु के कारण उनका निर्वाचन रद्द कर दिया गया।


कुमारी सैलजा का राजनीतिक कैरियर


कुमारी सैलजा को संगठन में कार्य करने का लम्बा अनुभव है। एक तरह से कहा जा सकता है कि सिरसा इनकी कर्मस्थली रहा है। पिता के निधन के बाद साल 1988 में कुमारी सैलजा ने सिरसा में हुए उपचुनाव से चुनावी राजनीति में कदम रखा परंतु अपना पहला लोकसभा चुनाव वे जनता दल के हेतराम से हार गईं। वे हार तो गईं लेकिन अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गईं तथा 1990 में व महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं।


1991 में पहली बार सिरसा लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनी गई। इस दौरान नरसिम्हा राव की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में सैलजा केंद्रीय शिक्षा और संस्कृति राज्य मंत्री रहीं। 1996 में कुमारी सैलजा फिर से सिरसा लोकसभा से लोकसभा सदस्य चुनीं गई। इसके बाद 2004 और 2009 लोकसभा चुनाव में हरियाणा की अंबाला लोकसभा सीट से सांसद चुनी गयीं। 2004 से 2014 तक की यूपीए सरकार में इन्होंने आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), केंद्रीय पर्यटन मंत्री और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री का कार्यभार संभाला। इनके बारे में कहा जाता है कि इन्हें वायु गुणवत्ता के विनियमन, वायु प्रदूषण के उन्मूलन और औद्योगिक इकाइयों के लिए प्रदूषण के मापदंडों में गहरी रूचि है। इन्होंने ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों के बारे में जागरूकता पर काम भी किया है। बतौर सांसद इन्होंने संसद में अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों के माध्यम से किसानों को बिजली प्रदान करने और अक्षय ऊर्जा के स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न भी उठाए।


2014 में सैलजा अपने गृह राज्य हरियाणा से राज्यसभा सांसद चुनी गई। 2019 में इन्होंने अंबाला लोकसभा सीट से फिर से चुनाव लड़ा, मगर भाजपा के नेता रतन लाल कटारिया से हार गयीं। इसके बाद से सैलजा की रूचि प्रदेश की राजनीति में बढ़ने लगी। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 4 सितंबर 2019 को हरियाणा कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष बनीं। करीब 28 माह इन्होंने हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाली। इसके बाद 24 दिसंबर 2023 को इन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महासचिव और उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रभारी बनाया गया। 2024 के चुनाव में इन्होंने भाजपा के नेता अशोक तंवर को हराया और करीब 2.68 हजार वोटों से सैलजा ने यह चुनाव जीता।


कुमारी सैलजा की उपलब्धियाँ


बतौर राजनेत्री कुमारी सैलजा के नाम विभिन्न उपलब्धियाँ हैं। इसमें पांच बार लोकसभा सांसद, एक बार राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रमंडल स्थानीय सरकार फोरम के शासी बोर्ड- 2005 की सदस्य, मानव बस्तियों पर राष्ट्रमंडल सलाहकार समूह का नेतृत्व, केंद्रीय शिक्षा और संस्कृति राज्य मंत्री सहित विभिन्न जिम्मेदारियाँ शामिल हैं।


पांच बार (1991, 1996, 2004, 2009, 2024) लोकसभा सांसद रहीं हैं।

एक बार (2014 से 2020 तक) राज्यसभा सांसद रहीं हैं।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (2019 से 2022 तक) रहीं हैं।

एक बार केंद्रीय मंत्री रहीं हैं।


कुमारी सैलजा से जुड़े विवाद


राजनेताओं का विवादों से काफी पुराना और गहरा रिश्ता रहा है। हमारे देश के अधिकतर नेता विवादों से जुड़े रहे हैं। कुमारी सैलजा की राजनीति भी विवादों से अछूती नहीं रहीं हैं।

मार्च 2011 में पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर हुई, जिसमें इनके ऊपर जालसाजी, आपराधिक धमकी, मनगढ़ंत कहानी और आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। याचिकाकर्ता व अधिवक्ता बीएस चाहर ने इनके ऊपर आरोप लगाया कि “कुमारी सैलजा मिर्चपुर मामले में जाट नेताओं के खिलाफ, वाल्मीकि समुदाय के नेताओं और सदस्यों को भड़काने में सहायक थी।” और “इन्होंने विचारधीन कैदियों पर दबाव डालकर उन्हें रिक्त और गैर-न्यायिक कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करके मुकदमे से खुद को बचाने की कोशिश की।”

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव-2023 में कुमारी शैलजा बतौर प्रदेश प्रभारी जिम्मेदारी निभा रही थीं। इस दौरान इनके ऊपर कांग्रेस के पूर्व नेता अरुण तिवारी ने एक ऑडियो जारी कर पैसे लेकर टिकट बेचने का आरोप लगाया। बाद में ऑडियो में बातचीत करने वाले शख्स बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव ने टिकट के लिए लेन-देन करने के आरोप से इन्कार किया।


कुमारी सैलजा की संपत्ति


चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार 2024 आम चुनाव में इनकी कुल चल-अचल संपत्ति करीब 31.68 करोड़ से अधिक थी। इनके पास एक होंडा सिटी कार और हिसार में दो कोठियां हैं। इसके अलावा गुरुग्राम और फरीदाबाद में 5 सांझे मकान और करीब 8 एकड़ सांझे में जमीन है। कुमारी सैलजा के बारे में कहा जाता है कि इन्हें शेयर खरीदने का शौक है। इनके पास 12 कंपनियों के 1.35 करोड़, दो कंपनियों के 6.42 लाख के शेयर हैं। इसके अवाला करीब 93.41 लाख इन्होंने म्यूचल फंड में निवेश किया हुआ है। इनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई लेन-देन नहीं हैं।


कुमारी सैलजा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-


प्रश्न- कुमारी सैलजा का जन्म कहां हुआ था ?

उत्तर- परभुवाला, हरियाणा


प्रश्न- कुमारी सैलजा के माता-पिता का नाम क्या है ?

उत्तर- माता- कलावती देवी, पिता- चौधरी दलबीर सिंह


प्रश्न- कुमारी सैलजा ने पहली बार कब और कहां से चुनाव लड़ा था ?

उत्तर- सिरसा लोकसभा, हरियाणा से 1991 में लड़ा था।


प्रश्न- कुमारी सैलजा कितनी बार लोकसभा व राज्यसभा सांसद रहीं है ?

उत्तर- पांच बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा


प्रश्न- कुमारी सैलजा हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कब रहीं थी ?

उत्तर- 2019 से 2022 तक

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