नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं और वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री पद पर हैं। भारतीय इतिहास में जवाहर लाल नेहरू के बाद से लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने वाले व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी हैं। 2014 और 2019 के बाद 2024 में नरेंद्र मोदी लगातार तीन बार भारतीय जनता पार्टी (एनडीए गठबंधन) की सरकार बनाने में कामयाब रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने बतौर आरएसएस कार्यकर्ता से लेकर प्रधानमंत्री तक का अपना राजनीतिक सफर तय किया है। आजाद भारत में पैदा होने वाले नरेंद्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।
इनकी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा वडनगर, गुजरात के एक सरकारी स्कूल से हुई है। सीनियर सेकेंडरी की पढ़ाई 1967 में एसएससी बोर्ड गुजरात से हासिल की। इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से 1978 में राजनीतिक विज्ञान विषय में स्नातक और और गुजरात विश्वविद्यालय से 1983 में राजनीतिक विज्ञान विषय में परास्नातक की डिग्री हासिल की। इसके अलावा इन्होंने कई किताबें भी लिखीं हैं।
इनकी शादी सन् 1968 में जसोदाबेन से हुई। वर्तमान में नरेंद्र मोदी और जसोदाबेन अलग-अलग रहते हैं और अधिकारिक तौर पर नरेंद्र मोदी और उनकी पत्नी जसोदाबेन का तलाक नहीं हुआ है। जसोदाबेन पेशे से एक सेवानिवृत्तअध्यापिका हैं।
सन् 1970 में आरएसएस से प्रभावित होकर नरेंद्र मोदी औपचारिक तौर पर आरएसएस से जुड़े और बतौर प्रचारक के रूप में कई वर्ष आरएसएस में काम किया। इस दौरान इन्होंने सामाजिक जिम्मेदारी, समर्पण और राष्ट्रवाद की भावनाओं को समझा और सीखा। नरेंद्र मोदी को बचपन में ही कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। इनके बारे में कहा जाता है कि इन्होंने बचपन में चाय बेचने में अपने पिता की सहायता की और अपने क्षेत्र में आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की इकाई स्थापित की थी।
सन् 1987 में नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और करीब एक साल बाद गुजरात भाजपा में महासचिव बने। गुजरात में भाजपा को मजबूत करने में नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद से नरेंद्र मोदी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपनी राजनीति को लगातार ऊंची उड़ान देते रहे। सन् 1995 में नरेंद्र मोदी भाजपा के राष्ट्रीय संगठन में सचिव बने और तीन साल बाद 1998 में महासचिव नियुक्त हुए। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव पद पर नरेंद्र मोदी करीब तीन साल तक रहे। इस दौरान नरेंद्र मोदी ने अपनी राजनीतिक जमीन तैयार की।
सन् 2001 में नरेंद्र मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने और 2001 से 2014 तक इस पद पर रहे। इस दौरान मोदी ने मुख्यमंत्री पद की चार बार शपथ ली। साल 2014 में नरेंद्र मोदी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने और अब तक लगातार (2014, 2019, 2024) तीन बार देश के प्रधानमंत्री चुने गए हैं। नरेंद्र मोदी अब तक सात बार (4 बार मुख्यमंत्री और 3 बार प्रधानमंत्री) शपथ ले चुके हैं। अपनी अब तक की राजनीति में नरेंद्र मोदी ना राज्य की राजनीति में विपक्ष में बैठे और ना ही केंद्र की राजनीति में विपक्ष में बैठे हैं।
सक्रिय राजनीति में आने से पहले नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस के लंबे समय तक कार्यकर्ता रहे हैं। नरेंद्र मोदी का राजनीतिक इतिहास बताता है कि वो विधायक बनने से पहले मुख्यमंत्री बने और अभी तक की राजनीति में नरेंद्र मोदी कभी भी विपक्ष में नहीं बैठे हैं। अगर सीधे शब्दों में कहा जाए तो नरेंद्र मोदी का राजनीतिक इतिहास अब तक अजेय रहा है। इससे पता चलता है कि नरेंद्र मोदी की राजनीति और राजनीतिक जमीन कितनी मजबूत है।
गुजरात भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद म्यूनिसिपल कार्पोरेशन में पहली बार भाजपा को सत्ता दिलाई। 1988 से 1995 के दौरान नरेंद्र मोदी ने भाजपा के अंदर अपनी कुशल राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में पहचान बनाई। 1990 में लालकृष्ण आडवाणी के साथ सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा में उनके सारथी बने। 1991 में मुरली मनोहर जोशी की कन्याकुमारी से कश्मीर तक की एकता यात्रा में उनके साथ रहे थे। इन सभी का नरेंद्र मोदी को राजनीतिक रूप से काफी लाभ मिला।
बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना राजनीतिक सफर 2001 में शुरु किया और 2014 तक इस पद पर बने रहे। 26 जनवरी 2001 को गुजरात के भुज में भीषण भूकंप आया और इस दौरान राज्य सरकार को खराब प्रतिक्रिया के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। इस भूकंप में करीब 20 हजार से अधिक लोग मारे गए। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के इस्तीफे के बाद अक्टूबर 2001 में नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद से नरेंद्र मोदी ने 2002 में राजकोट द्वितीय (2008 परिसीमन के बाद राजकोट पश्चिम) विधानसभा से उपचुनाव लड़ा।
नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ने से पहले मुख्यमंत्री बन गए और उसके बाद उन्होंने विधायकी का चुनाव लड़ा। नरेंद्र मोदी 51 वर्ष की उम्र में 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री चुने गए और 22 दिसंबर 2002 को नरेंद्र मोदी दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने। 25 दिसंबर 2007 में तीसरी बार और 26 दिसंबर 2012 को चौथी बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी ने दो लोकसभा (वड़ोदरा और वाराणसी) से चुनाव लड़ा था। दोनों ही सीट पर मोदी चुनाव जीते और अंत में मोदी ने वाराणसी को अपना लोकसभा क्षेत्र चुना। 30 मई 2019 को दूसरी बार और 9 जून 2024 को तीसरी बार नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार तीन बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले नरेंद्र मोदी अकेले गैर-कांग्रेसी राजनेता हैं। हालांकि तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ अटल बिहारी वाजपेयी ने भी ली थी।
सर्जिकल स्ट्राइक-उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर 29 सितंबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक की।
अनुच्छेद- 370 हटाना- जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली अनुच्छेद-370 को 5 अगस्त 2019 को संसद में बिल लाकर हटाया।
सीएए कानून- नागरिकता संशोधन अधिनियम (12 दिसंबर 2019 को) पारित कर पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को नागरिकता देने की व्यवस्था की गई।
तीन तलाक कानून- मुस्लिम समाज में तीन बार तलाक कहकर विवाह को समाप्त करने की प्रथा को खत्म करने के लिए 30 जुलाई 2019 को Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Act- 2019 कानून लाया गया।
पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ- सेनाओं की एकता बढ़ाने के लिए 15 अगस्त 2019 को जनरल बिपिन रावत के रूप में देश को पहला CDS दिया।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि- इस योजना के तहत देशभर के किसानों को वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाती है।
बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ- इस योजना के उद्देश्य देशभर की लड़कियों को बचाना और शिक्षा प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना- इस योजना के तहत गरीब और कमजोर वर्ग को वित्तीय सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाती है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना- इस योजना के तहत लाखों गरीब परिवारों को निःशुल्क LPG कनेक्शन दिए गए।
आयुष्मान भारत योजना- यह योजना गरीब और कमजोर वर्ग को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना- इस योजना का उद्देश्य दुर्घटना के कारण होने वाले जीवन और अंग हानि के जोखिम को कवर करना है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-इस योजना के तहत गरीब वर्ग को गुणवत्तापूर्ण आवास देना है।
मेक इन इंडिया- भारत को वैश्विक स्तर पर विनिर्माण हब बनाने में इस योजना ने अहम भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना- इस योजना के तहत लाखों नागरिकों ने पहली बार बैंक खाता खोलें। यह योजना सभी नागरिकों को बैंक खाता खोलने की सुविधा प्रदान करती है।
स्वच्छ भारत अभियान- देश को स्वच्छ और खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए इस अभियान ने अहम भूमिका निभाई है।
डिजिटल इंडिया- इस योजना के तहत देशभर में डिजिटल सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है।
सुकन्या समृद्धि योजना- इस योजना के तहत बालिकाओं के लिए उच्च ब्याज दर और कर लाभ की सुविधा है।
अटल पेंशन योजना- यह योजना असंठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन लाभ प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना- इस योजना के तहत गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु व सूक्ष्म उद्यमों के लिए ऋण देती है।
सौभाग्य योजना- इस योजना के तहत देशभर के सभी घरों में बिजली कनेक्शन प्रदान करना है।
लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के अनुसार नरेंद्र मोदी के पास नीचे दी गई चल-अचल संपत्ति है।
चल संपत्ति- नरेंद्र मोदी के पास स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 1.27 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉडिट और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स में इन्होंने 9.12 लाख का निवेश के रूप में है। इसके अलावा इनके पास 2.67 लाख रुपये की सोने की चार अंगूठियाँ और 31 मार्च 2024 तक 24920 रुपये कैश थे।
अचल संपत्ति- नरेंद्र मोदी के पास कोई अपना घर और कृषि भूमि नहीं है। ना ही इनके ऊपर किसी प्रकार का कोई ऋण है।
अगर कुल संपत्ति की बात करें तो नरेंद्र मोदी की कुल संपत्ति 30206889 रुपये है। नरेंद्र मोदी हर वर्ष इनकम टैक्स भरते हैं। वर्ष 2018-19 में नरेंद्र मोदी की आय 1114230 रुपये थी। 2019-20 में यह बढ़कर 1720760 रुपये हो गई। 2020-21 में 1707930 रुपये, 2021-22 में 1541870 रुपये और 2022-23 में 2356080 रुपये पहुंच गई।
अपने राजनीतिक जीवन में नरेंद्र मोदी अपने बयानों और अपने सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के कारण कई विवादों से जुड़े रहे हैं।
कृषि कानून विवाद- केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए तीन नए कानून पेश किए, मगर देश के किसानों ने इसका विरोध किया। इन कानूनों के विरोध में देशभर में व्यापक किसान आंदोलन हुआ। एक साल बाद सरकार को यह कानून वापस लेने पड़ थे।
2002 के गुजरात दंगे- इन दंगों के दौरान हिंसा को रोकने में बतौर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर विफल रहने के आरोप लगे हैं। इसके अलावा इनके ऊपर इन दंगों को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए और दंगों को धर्म विशेष के लोगों के खिलाफ भड़काया गया।
नोटबंदी (2016)- केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अचानक 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा की। इसे कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम माना गया। मगर इसके क्रियान्वयन की समस्याओं और विफलताओं की खूब आलोचना हुई।
वस्तु एवं सेवा कर (GST)- केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 में जीएसटी के रूप में देशभर में नया सेवा कर लागू किया गया। इसको लेकर कई विवाद और आलोचनाएँ सामने आई और जिसके बाद समय-समय पर इसमें सुधार भी किए गए।
इसके अलावा इन्होंने अपने कई भाषणों और साक्षात्कारों में तथ्यों से परे जाकर बातें की हैं। जैसे- बारिश के मौसम में रडार काम नहीं करता, 1997 में डिजिटल कैमरे से फोटो क्लिक करना और ई-मेल के जरिए दिल्ली भेजना, बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में सहयोग करना, कभी 35 तो कभी 40 वर्षों तक भीख मांगकर खाने की बात और इनकी जन्मतिथि व शिक्षा को लेकर भी विवाद रहा है।
इन पुस्तकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन, विचारधारा, राजनीतिक यात्रा व संघर्ष और नेतृत्व शैली पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला गया है। इन किताबों के माध्यम से आप नरेंद्र मोदी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ये सभी किताबें ऑनलाइन और ऑफलाइन आसानी से उपलब्ध हैं।
नरेंद्र मोदीःए पॉलिटिकल बायोग्राफी- यह पुस्तक प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार एंडी मैरिनो द्वारा लिखी गई है। इसमें नरेंद्र मोदी के जीवन और उनकी राजनीतिक यात्रा का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है।
सेंटरस्टेजः इनसाइड द नरेंद्र मोदी मॉडल ऑफ गवर्नेंस- यह किताब वरिष्ठ पत्रकार और लेखक उदय माहुरकर द्वारा लिखी गई है। इस पुस्तक में नरेंद्र मोदी के शासन शैली और प्रशाशनिक क्षमताओं का विश्लेषण किया गया है।
मोदीः मेकिंग ऑफ द प्राइम मिनिस्टरः लीडरशिप, गवर्नेंस एंड परफॉरमेंस- यह पुस्तक पत्रकार और लेखक विवियन फर्नाडीज द्वारा लिखी गई है। इस किताब में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की यात्रा, नेतृत्व, शासन और प्रदर्शन का बारीकी से विश्लेषण किया गया है।
द मैन ऑफ द मोमेंटः नरेंद्र मोदी- यह पुस्तक लेखक एमवी कामथ और लेखिका कालिंदी रांडेरी द्वारा लिखी गई है। इस पुस्तक में नरेंद्र मोदी के जीवन, नेतृत्व और राजनीतिक यात्रा का विस्तारपूर्वक वर्णन है।
द नमो स्टोरीः ए पॉलिटिकल लाइफ- यह पुस्तक पत्रकार और लेखक किंगशुक नाग द्वारा लिखी गई है। इसमें नरेंद्र मोदी के जीवन, नेतृत्व और उनकी राजनीतिक यात्रा के विभिन्न पहलुओं पर गहनता से चर्चा की गई है।
नरेंद्र मोदीः द गेम चेंजर- यह किताब पत्रकार और लेखक सुदेश वर्मा द्वारा लिखी गई है। इसमें नरेंद्र मोदी के जीवन, नेतृत्व और उनके द्वारा लाए गए राजनीतिक बदलावों का विश्लेषण किया गया है।
द मोदी इफ़ेक्टः इनसाइड नरेंद्र मोदीज कैंपेन टू टांसफॉर्म इंडिया- यह पुस्तक ब्रिटिश पत्रकार और लेखक लांस प्राइस द्वारा लिखी गई है। इसमें नरेंद्र मोदी के चुनावी अभियान और उनके नेतृत्व की प्रभावशाली रणनीतियों के बारे में प्रकाश डाला गया है।
नरेंद्रयनः नरेंद्र मोदी की कहानी- यह पुस्तक लेखक और पत्रकार गिरीश दाबके द्वारा लिखी गई है। इस पुस्तक में नरेंद्र मोदी के जीवन और राजनीतिक सफर की कहानी को विस्तारपूर्वक बताया गया है।
मोदीः कॉमन मैंस पीएम- यह पुस्तक लेखक और पत्रकार किशोर मकवाना ने लिखी है। इन्हें नरेंद्र मोदी के राजनीतिक सफर और नेतृत्व पर गहराई से अध्ययन के लिए जाना जाता है। ये नरेंद्र मोदी पर कई लेख और पुस्तकें लिख चुके हैं।
नरेंद्र मोदी बदलाव पर हम विश्वास कर सकते हैं- यह पुस्तक पत्रकार और लेखक संजय गौड़ द्वारा लिखी गई है। इसमें नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और कार्यकाल के प्रभाव पर केंद्रित है।
प्रेरणामूर्ति नरेंद्र मोदी- यह पुस्तक लेखिका और महिला पत्रकार शुक्ला संगीता द्वारा लिखी गई है। इसमें नरेंद्र मोदी की जीवन यात्रा और उनके प्रेरणादायक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है।
नरेंद्र मोदीः हाँ वे कर सकते हैं- यह पुस्तक पत्रकार और लेखक डीपी सिंह द्वारा लिखी गई है। इस पुस्तक में नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता और प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी उपलब्धियों पर चर्चा की गई है।
वॉर रूमः नरेंद्र मोदी की 2014 की जीत के पीछे के लोग रणनीति और तकनीक- यह पुस्तक लेखक और पत्रकार उल्लेख एनपी द्वारा लिखी गई है। इसमें नरेंद्र मोदी की 2014 आम चुनाव में जीत के पीछे की रणनीति, तकनीक और टीम के प्रयासों पर प्रकाश डाला गया है।
जनता के लिएः नरेंद्र मोदी- यह पुस्तक लेखिका और महिला पत्रकार उर्विश कंथारिया द्वारा लिखी गई है। इस पुस्तक में नरेंद्र मोदी के शासनकाल के दौरान जनता के प्रति उनकी नीतियों और दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा की गई है।
नरेंद्र मोदी की सुनामीः चुनौतियाँ और दृष्टिकोण- यह पुस्तक पत्रकार उब सिंह और पत्रकार विप्लव द्वारा लिखी गई है। इस किताब में नरेंद्र मोदी की नेतृत्व शैली और शासनकाल की चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है।
परिवर्तन की छवियाँः गुजरात और नरेंद्र मोदी- यह पुस्तक लेखक और पत्रकार प्रवीण शेठ द्वारा लिखी गई है। इसमें नरेंद्र मोदी के गुजरात मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान किए गए बदलावों और विकास परियोजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीः एक परिवर्तनकारी नेता- यह किताब लेखक और पत्रकार एस के मेहरा द्वारा लिखी गई है। इस किताब में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और नीतियों के प्रभाव पर विस्तार से विश्लेषण किया गया है।
मोदी सिद्धांतः भारत के प्रधानमंत्री की विदेश नीति- यह पुस्तक वरिष्ठ अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ और लेखक श्रीराम चौलिया द्वारा लिखी गई है। इस पुस्तक में नरेंद्र मोदी की विदेश नीति और नेतृत्व के तहत भारत की वैश्विक स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
नरेंद्र मोदी परिघटना- यह किताब पत्रकार और लेखक धनंजय कुमार द्वारा लिखी गई है। इसमें नरेंद्र मोदी की राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन की विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया है।
मोदी और विश्वः (पुनः) भारतीय विदेश नीति का निर्माण- यह पुस्तक वर्ल्ड साइंटिफिक और वरिष्ठ विदेश नीति विश्लेषक और लेखक सिंदरपाल सिंह द्वारा लिखी गई है। इस पुस्तक में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय विदेश नीति के पुनर्निर्माण पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है।
स्वर्णिम भारत के स्वप्रदृष्टा नरेंद्र मोदी- यह पुस्तक लेखक और पत्रकार विजय नाहर द्वारा लिखी गई है। इसमें नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण और उनके द्वारा प्रस्तुत स्वर्णिम भारत के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला गया है।
इन्होंने अपनी किताबों में अपने विचार, अनुभव और दृष्टिकोण साझा किए हैं। इनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों की सूची क्रमबद्ध रूप से नीचे दी गई है। नरेंद्र मोदी द्वारा लिखी गई ये सभी किताबें ऑनलाइन और ऑफलाइन आसानी से उपलब्ध हैं।
प्रश्न- नरेंद्र मोदी की धर्मपत्नी का नाम क्या है ?
उत्तर- जसोदाबेन
प्रश्न- नरेंद्र मोदी के कितने बच्चे हैं ?
उत्तर- इनका कोई बच्चा नहीं है।
प्रश्न- नरेंद्र मोदी अब तक कितने बार चुनाव हारे हैं ?
उत्तर- नरेंद्र मोदी एक बार भी चुनाव नहीं हारे हैं।
प्रश्न- नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री कितनी बार रहे हैं ?
उत्तर- चार बार (13 वर्ष) रहे हैं।
प्रश्न- नरेंद्र मोदी ने पहली बार चुनाव कहां और कब लड़ा था ?
उत्तर- राजकोट द्वितीय विधानसभा (2008 परिसीमन के बाद राजकोट पश्चिम) से उपचुनाव 2002 में लड़ा था।
प्रश्न- नरेंद्र मोदी की पत्नी क्या करती है ?
उत्तर- इनकी पत्नी जसोदाबेन पेशे से अध्यापिका थीं।
प्रश्न- नरेंद्र मोदी के कितने भाई-बहन हैं ?
उत्तर- चार भाई और एक बहन
प्रश्न- नरेंद्र मोदी का जन्मदिन कब आता है ?
उत्तर- 17 सितंबर
प्रश्न- नरेंद्र मोदी के पिता का क्या नाम है ?
उत्तर- श्री दामोदर दास मोदी
प्रश्न- नरेंद्र मोदी की माता (माँ) का क्या नाम है ?
उत्तर- श्रीमती हीराबेन
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