नाम- उमर अब्दुल्ला
माता का नाम- श्रीमती मोली अब्दुल्ला
पिता का नाम- श्री फारूक अब्दुल्ला
शिक्षा- वाणिज्य स्नातक (बी. कॉम)
जन्मतिथि / उम्र- 10 मार्च 1970 (54 वर्ष)
जन्म स्थान- रोचफोर्ड, एसेक्स, इंग्लैंड
व्यवसाय / पेशा- राजनीतिज्ञ
राजनीतिक पार्टी- जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस
पद- पूर्व मुख्यमंत्री (जम्मू-कश्मीर), उपाध्यक्ष- J&KNC
जीवनसाथी का नाम- पायल नाथ (1994 में शादी हुई और 2011 से अलग-अलग रह रहे हैं।)
बच्चों का नाम- जमीर और जहीर
आरोप- कोई आरोप नहीं है
विदेश यात्रा- ज्ञात नहीं
जाति और धर्म- सुन्नी, इस्लाम
उमर अब्दुल्ला के बारे में कहा जाता है कि इन्हें राजनीति अपने दादा और पिता से विरासत में मिली है। इनके नाम जम्मू-कश्मीर के सबसे युवा मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड दर्ज है। उमर भारतीय राजनीति में एक मात्र राजनेता हैं, जिनके दादा, पिता और स्वयं उमर एक ही प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में इनकी प्रेम कहानी बेहद रोमांचक रही है। राजनीति में आने से पहले उमर अब्दुल्ला दिल्ली के ओबेराय होटल में मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव की नौकरी करते थे। इनकी माता ईसाई और इनकी पत्नी हिंदू धर्म से हैं। बतौर राजनेता उमर अब्दुल्ला घाटी में सेना की शक्तियों पर अंकुश लगाएं जाने और विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) को निरस्त किए जाने की मांग समय-समय पर करते रहे हैं।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा श्रीनगर के बर्न हॉल स्कूल से हुई और माध्यमिक शिक्षा लॉरेंस स्कूल, सनावर, हिमाचल प्रदेश से हुई। इन्होंने मुंबई के सिडेनहैम कॉलेज से उच्च शिक्षा (वाणिज्य वर्ग में) हासिल की। शिक्षा पूरी करने के बाद उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली के ओबेरॉयय होटल में मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव की नौकरी की।
इनका विवाह दिल्ली की रहने वाली पायल नाथ से 1 सितंबर 1994 को इंग्लैंड में हुई। पायल से इनकी मुलाकात दिल्ली के ओबेरॉय होटल में नौकरी के दौरान हुई। यहीं से इन दोनों की प्रेम कहानी की शुरुआत हुई और बाद में प्रेम कहानी विवाह बंधन में बदला। पायल और उमर के (जमीर और जहीर नाम के) दो बच्चे हैं। 2011 से उमर अब्दुल्ला और उनकी पत्नी पायल अलग-अलग रह रहे हैं और इनकी तलाक की कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। उमर अब्दुल्ला के पिता फ़ारूक़ अब्दुल्ला और दादा शेख़ अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे हैं। उमर की तीन (सारा, हिना, साफिया) बहनें हैं। इनके पिता फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने भी 1968 में अपनी प्रेमिका मोली (इनकी माता) से प्रेम विवाह किया था। भारत सरकार द्वारा इनकी पत्नी पायल को जेड और बच्चों को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है।
सन् 1996 के विधानसभा चुनाव के दौरान उमर अब्दुल्ला की जम्मू-कश्मीर (घाटी) की राजनीति में दिलचस्पी बढ़ने लगी। 1998 में उमर अब्दुल्ला ने पहली बार श्रीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस चुनाव में उमर के साथ उनकी पत्नी पायल नाथ भी कश्मीरी परिवेश में सार्वजनिक तौर पर साथ नजर आयी। इसके बाद से उमर अब्दुल्ला ने कभी भी पीछे पलटकर नहीं देखा और अपनी राजनीति को आगे बढ़ाते रहे। 1999 में मध्यवर्ती लोकसभा चुनाव हुए और उमर फिर से श्रीनगर से सांसद चुने गए। इस दौरान इनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने एनडीए गठबंधन का समर्थन किया। 1998 में उमर अब्दुल्ला एनडीए गठबंधन की बाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने। राज्य की राजनीतिक को देखते हुए उमर ने मात्र 17 माह के अंदर ही केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ली। इसके बावजूद भी इनकी पार्टी विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायी।
मगर उमर अब्दुल्ला ने हार नहीं मानी और लगातार प्रदेश में काम करते रहे। इस दौरान 2004 में इन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 2008 के अंत में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें इनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर प्रदेश में सरकार बनाई। इस सरकार का नेतृत्व उमर अब्दुल्ला ने किया।2015 के विधानसभा चुनाव में इनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा और इन्होंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई। 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया। इस दौरान उमर अब्दुल्ला करीब 6 माह तक सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में रहे। इसके बाद इन्होंने 2024 का आम चुनाव बारामूला संसदीय क्षेत्र से लड़ा, मगर इन्हें इंजीनियर शेख अब्दुल रशीद से हार का सामना करना पड़ा। वर्तमान में उमर अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष हैं।
बतौर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कार्यकाल 5 जनवरी 2009 से 8 जनवरी 2015 तक रहा है। इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान आतंकवाद और घाटी के स्थानीय मुद्दे के समाधान पर फोकस किया। मगर स्थानीय मुद्दों पर उस गति से काम नहीं कर पाए, जिस गति से काम करना चाहिए था। जम्मू-कश्मीर के बहुत कम मुख्यमंत्री अपना मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा कर पाए हैं, जिनमें उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं। 2009 में इनके ऊपर दो युवतियों के बलात्कार और हत्या के मामले को छुपाने का आरोप लगा था। मुख्यमंत्री के रूप में उमर अब्दुल्ला के ऊपर यह आरोप उनकी सबसे बड़ी विफलता मानी जाती है। इसके अलावा मुख्यमंत्री के रूप मे इनका कार्यकाल उथल-पुथल से भरा रहा है।
वर्तमान में उमर अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष हैं। उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव-2024 में गांदरबल विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। 2020 में उमर अब्दुल्ला ने कहा था- “जब तक जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलता, मैं विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा।”
बतौर राजनेता उमर अब्दुल्ला की विभिन्न उपलब्धियाँ रही हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर के सबसे युवा मुख्यमंत्री बनने से पहले देश का सबसे युवा केंद्रीय मंत्री बनने की उपलब्धि भी दर्ज है। उमर एनडीए की बाजपेयी सरकार में (1999 से 2001 तक) केंद्रीय मंत्री रहे हैं। बतौर केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विभिन्न कार्य योजनाओं को आगे बढ़ाया। उमर अब्दुल्ला अपनी कार्यशैली के कारण जम्मू-कश्मीर की आम जनता में मजबूत पकड़ रखते हैं। इनके नेतृत्व में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 2008 विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।
1998, 1999 और 2004- श्रीनगर लोकसभा सीट से सांसद रहे।
1999- एनडीए सरकार में वाणिज्य व उद्योग मंत्री रहे।
1998 से 1999- परिवहन-पर्यटन समिति के सदस्य रहे।
1998 से 1999- पर्यटन मंत्रालय में परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे।
2001 से 2002- एनडीए सरकार में विदेश मंत्री रहे।
2002 से 2009- नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष रहे।
2004- कई समितियों के सदस्य रहे।
2006- विशेषाधिकार समिति के सदस्य रहे।
2007- वाणिज्य समिति के सदस्य रहे।
2009 से 2015- जम्मू-कश्मीर के (सबसे युवा) मुख्यमंत्री रहे।
2015 से 2018- विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे।
2023- इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति के सदस्य रहे।
चुनाव आयोग के हलफनामे के अनुसार इनकी कुल संपत्ति 65.69 लाख है और इनके पास किसी भी प्रकार की कोई देनदारी नहीं है। इसके अलावा इनके पास अपने जीवनसाथी या आश्रितों के नाम पर कोई आवासीय घर, कोई कृषि भूमि या उनके नाम पर कोई पंजीकृत अचल संपत्ति नहीं है। इनकी आय का स्रोत पूर्व विधायक, पूर्व सांसद के रूप में पेंशन है।
इनके ऊपर जुलाई 2009 में पीडीपी ने सेक्स स्कैंडल-2006 से जुड़े होने के आरोप लगाए। इसके बाद इन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की, मगर राज्यपाल ने इनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। इनके ऊपर लगे सेक्स स्कैंडल के आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो पाए और सीबीआई ने माना की इस कांड में ना तो मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और ना ही उनके पिता फ़ारूक़ अब्दुल्ला शामिल थे।
केंद्र सरकार की असहमति के बावजूद मार्च 2006 में बतौर नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद के रूप में इन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के साथ एक बैठक की। इस बैठक से कश्मीर के मुद्दे पर इनकी बढ़ती प्रतिबद्धता को बल मिला। जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के राजनेता और पाकिस्तान सरकार के बीच यह पहली बैठक थी।
एनडीए की अटल सरकार में बतौर केंद्रीय मंत्री उमर अब्दुल्ला को 1999 में दिल्ली में आवास आवंटित हुआ था, मगर इन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से 2016 तक यह सरकारी आवास खाली नहीं किया। इस पूरे मामले में उमर और उनकी पत्नी पायल खूब चर्चाओं में रहे।
प्रश्न- उमर अब्दुला की पत्नी का क्या नाम है ?
उत्तर- पालय नाथ (1994-2011)
प्रश्न- उमर अब्दुला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री कब से कब तक रहे है ?
उत्तर- 2009 से 2015 तक
प्रश्न- उमर अब्दुला ने पहली बार चुनाव कहां से लड़ा था ?
उत्तर- श्रीनगर लोकसभा से
प्रश्न- उमर अब्दुला के कितने बच्चे हैं ?
उत्तर- दो (लड़के)
प्रश्न- उमर अब्दुला के माता-पिता कौन है ?
उत्तर- मोली अब्दुल्ला और फ़ारूक़ अब्दुल्ला
प्रश्न- उमर अब्दुला का जन्म कब और कहां हुआ ?
उत्तर- 10 मार्च 1970 को रोचफोर्ड, एसेक्स, इंग्लैंड में हुआ था।
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