भूपेंद्र सिंह हुड्डा
नेता प्रतिपक्ष, हरियाणा
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा

नेता प्रतिपक्ष, हरियाणा

Table of Content

  • भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जीवनी, प्रारंभिक शिक्षा और राजनीति इतिहास
  • भूपेंद्र सिंह हुड्डा की शिक्षा
  • भूपेंद्र सिंह हुड्डा का वैवाहिक और पारिवारिक जीवन
  • भूपेंद्र सिंह हुड्डा का राजनीतिक कैरियर
  • भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री के रूप में
  • भूपेंद्र सिंह हुड्डा की उपलब्धियाँ
  • भूपेंद्र सिंह हुड्डा की संपत्ति
  • भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लेकर विवाद
  • भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-

भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जीवनी, प्रारंभिक शिक्षा और राजनीति इतिहास


नाम- भूपेंद्र सिंह हुड्डा

माता का नाम- श्रीमती हरदेवी हुड्डा

पिता का नाम- श्री चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा

शिक्षा- बीए (पंजाब विश्वविद्यालय), एलएलबी (दिल्ली विश्वविद्यालय)

जन्मतिथि / उम्र- 15 सितंबर 1947 (76 वर्ष)

जन्म स्थान- सांघी, रोहतक, हरियाणा

व्यवसाय / पेशा- राजनीतिज्ञ

राजनीतिक पार्टी- कांग्रेस

पद- पूर्व मुख्यमंत्री- हरियाणा, नेता प्रतिपक्ष- हरियाणा

जीवनसाथी का नाम- आशा दहिया (1976)

बच्चों का नाम- दीपेंद्र सिंह हुड्डा, अंजली हुड्डा

आरोप- विभिन्न मामले दर्ज हैं।

विदेश यात्रा- जापान, दक्षिण कोरिया और यूएसएसआर आदि

जाति और धर्म- जाट, हिंदू


भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। भूपेंद्र हुड्डा के दादा जी चौधरी मातू राम हुड्डा स्वतंत्रता सेनानी, महान समाज सुधारक और आर्य समाजी थे। 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के बाद रोहतक में पहला सम्मेलन 12 अक्टूबर 1888 में हुआ। रोहतक कांग्रेस के संस्थापकों में इनके दादा चौधरी मातू राम एक रहे हैं। इनके पिता चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा अविभाजित पंजाब और हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने के लिए गांधीवादी सेना में शामिल हुए और 1941 में सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया। इसके अलावा रणबीर सिंह स्वतंत्रता के लिए रोहतक, अंबाला, हिसार, फिरोजपुर सहित देश के कई जेलों में रहे हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा को राजनीति विरासत में मिली और इस पारिवारिक राजनीति को इन्होंने अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को राजनीति में उतार कर आगे बढ़ाया है।


भूपेंद्र सिंह हुड्डा की शिक्षा


इनकी प्रारंभिक शिक्षा सैनिक स्कूल बालाचडी, जामनगर, गुजरात से हुई। इसके बाद 1971 में रोहतक (पंजाब विश्वविद्यालय) से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय से इन्होंने एलएलबी की शिक्षा हासिल की। इसके बाद से भूपेंद्र सिंह राजनीति में सक्रिय रूप से जुड़े।


भूपेंद्र सिंह हुड्डा का वैवाहिक और पारिवारिक जीवन


इनकी शादी आशा दहिया से 1976 में हुआ और इन दोनों के दो बच्चे है। इनका बेटा दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी राजनीति में सक्रिय हैं और वर्तमान में रोहतक से लोकसभा सांसद हैं। भूपेंद्र सिंह का केसरवीर नाम से एक पोता है। इनकी बहु श्वेता मिर्धा राजस्थान के दिग्गज जाट नेता नाथूराम मिर्धा की पोती है। वर्तमान में इनके परिवार की चौथी पीढ़ी हरियाणा की राजनीति में सक्रिय है। इन्हें राजनीति विरासत में मिली है।


भूपेंद्र सिंह हुड्डा का राजनीतिक कैरियर


इन्होंने अपना राजनीतिक जीवन 1972 में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में शामिल होकर शुरू किया। इसके बाद 1980 से 1987 तक हरियाणा प्रदेश युवा कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, पंचायत समिति रोहतक के अध्यक्ष और हरियाणा पंचायत परिषद के अध्यक्ष रहे। 1991 में भूपेंद्र सिंह ने पहली बार रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे। भूपेंद्र हुड्डा 1991, 1996, 1998 और 2004 में रोहतक संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। 1999 के आम चुनावों को छोड़कर भूपेंद्र हुड्डा कोई चुनाव नहीं हारे हैं।


भूपेंद्र हुड्डा चार बार लोकसभा सांसद और चार बार (एक बार किलोई और तीन बार गढ़ी सांपला किलोई) हरियाणा से विधायक रहे हैं। इसके अलावा भूपेंद्र हुड्डा लगातार दो बार (5 मार्च 2005 से 26 अक्टूबर 2014) तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं। भजन लाल बिश्नोई और बंसी लाल के बाद सबसे लंबे समय तक हरियाणा के मुख्यमंत्री के पद पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा रहे हैं। इनके नाम लगातार दो बार मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा करने का रिकॉर्ड दर्ज है। इसके अलावा इनके नाम 1991, 1996 और 1998 के आम चुनाव में चौधरी देवीलाल को हराने का रिकॉर्ड भी दर्ज है।


भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यूएसएसआर में विश्व युवा महोत्सव, चीन में विश्व संसदीय सम्मेलन, जापान और दक्षिण कोरिया सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया हैं। इसके अलावा हुड्डा अखिल भारतीय युवा किसान संघ हरियाणा के अध्यक्ष, मार्केट कमेटी रोहतक के पूर्व सदस्य, बैंक ऑफ इंडिया के निदेशक- 1989-92, किसान संसदीय मंच के सचिव, अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के संस्थापक सदस्य और कार्यकारी अध्यक्ष, नेशनल फेडरेशन रेलवे पोर्टर्स, वेंडर्स एंड बियरर्स के कार्यकारी अध्यक्ष, खादी और ग्रामोद्योग आयोग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सहित विभिन्न संगठनों में अलग-अलग पदों पर रहे हैं।


कांग्रेस पार्टी द्वारा 1996 से 2001 तक इन्हें हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। 2002 से 2004 तक भूपेंद्र हुड्डा हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे और 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बने। 2019 से 2023 तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे। वर्तमान में भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैं।


भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री के रूप में


बतौर मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न योजनाएँ लागू की, जिसमें डॉ. अंबेडकर मेधावी छात्र योजना, जननी सुरक्षा योजना, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, सम्मान पेंशन योजना, लाड़ली सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, जननी सुविधा योजना, इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी विवाह शगुन योजना जैसी कई योजनाएँ शामिल थीं।


भूपेंद्र सिंह हुड्डा की उपलब्धियाँ


बतौर राजनेता भूपेंद्र हुड्डा की विभिन्न उपलब्धियां रही हैं। भपेंद्र हुड्डा हरियाणा के पहले राजनेता हैं, जिन्होंने लगातार दो बार मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला और नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं। इसके अलावा भूपेंद्र सिंह बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के सदस्य भी रहे हैं। मनमोहन सरकार में हुड्डा की अध्यक्षता में कृषि उत्पादन पर कार्य समूह का गठन किया गया था। युवाओं को ओलंपिक खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा लंदन खेलों में पदक विजेताओं को नकद धनराशि दी गई।


दो बार (2005, 2009) मुख्यमंत्री रहे हैं।

दो बार नेता प्रतिपक्ष रहे हैं।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं।

चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रहे हैं।

चार बार लोकसभा सांसद रहे हैं।

चार बार विधायक रहे हैं।


भूपेंद्र सिंह हुड्डा की संपत्ति


हरियाणा विधानसभा-2024 के चुनावी हलफनामे के अनुसार इनकी कुल संपत्ति 10.76 करोड़ हैं।लोकसभा चुनाव- 2019 के मुकाबले इनकी संपत्ति 5 करोड़ कम हुई है। इनके पास 1850 ग्राम सोना और 25 किलो चांदी है। इसके अलावा एक लाइसेंसी बंदूक, एक रिवॉल्वर, एक पिस्तौल और 438 वर्ग मीटर की दो दुकानें हैं। इनकी पत्नी के पास 4.84 एकड़ कृषि भूमि और 360 वर्ग मीटर की एक दुकान है। भूपेंद्र हुड्डा के पास 7253 वर्ग मीटर आवासीय जमीन और इनकी पत्नी आशा दहिया के पास 11386 वर्ग मीटर आवासीय जमीन है। इनके पास कोई अपनी गाड़ी नहीं है।


भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लेकर विवाद


भारत में बतौर राजनेता विवादों में रहना आम बात है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी विवादों से दूर नहीं रहे हैं। कभी अवैध भूमि हड़पने के मामले में तो कभी रक्सिल दवा खरीद मामले में। प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और एमार, एमजीएफ डेवलपमेंट्स लिमिटेड सहित कई लोगों से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 834 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने इस पूरे मामले में कहा- कई भूस्वामियों, आम जनता और हरियाणा राज्य, भूपेंद्र हुड्डा को भूमि अधिग्रहण- 1894 की धारा-4, 6 के तहत भूमि अधिग्रहण के लिए घोखाधड़ी में शामिल हैं। धोखाधड़ी और बेईमानी से अधिसूचित भूमि पर आशय पत्र (LOI) व लाइसेंस प्राप्त किए। इसके अलावा कई मामलों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ मामले दर्ज है या अदालत में लंबित हैं।


भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-


प्रश्न- भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहली बार कब और कहां से चुनाव लड़े ?

उत्तर- रोहतक लोकसभा सीट से- 1991 में


प्रश्न- भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहली बार मुख्यमंत्री कब बने ?

उत्तर- 2005 में (2005 से 2014 तक सीएम रहे हैं।)


प्रश्न- भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कितने बच्चे हैं ?

उत्तर- दो (दीपेंद्र और अंजलि)


प्रश्न- भूपेंद्र सिंह हुड्डा के माता-पिता का क्या नाम है ?

उत्तर- माता- हरदेवी हुड्डा, पिता- चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा


प्रश्न- भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पत्नी का क्या नाम है ?

उत्तर- आशा दहिया


प्रश्न- भूपेंद्र सिंह हुड्डा कितनी बार विधायक और सांसद रहे हैं ?

उत्तर- चार बार विधायक और चार बार सांसद

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