
राजस्थान इन दिनों एक नए दौर से गुजर रहा है। विकास को लेकर सरकार की नीयत और नीति दोनों में स्पष्टता नजर आती है। जब से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश की कमान संभाली है, लोगों के भीतर नई ऊर्जा और उम्मीद की लहर देखने को मिल रही है। आमजन कहने लगे हैं "पांच साल बनाम डेढ़ साल" कोई यूं ही नहीं कह रहा, बदलाव धीरे धीरे दिखने लगा है ।
भजनलाल शर्मा की सरकार ने जिस मंत्र को आधार बनाया "आपणो अग्रणी राजस्थान उसका असर अब गांव-गांव में दिखने लगा है। हर वर्ग को ये महसूस होने लगा है कि सरकार अब सिर्फ वादे नहीं कर रही, बल्कि काम भी कर रही है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जिस तरह से ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) और यमुना जल समझौते जैसे जटिल और वर्षों से अटके मुद्दों को आगे बढ़ाया है, उसने उन्हें राजस्थान का "भागीरथ" बना दिया है। ये सिर्फ परियोजनाएं नहीं हैं, बल्कि करोड़ों लोगों को जल की राहत देने वाले फैसले हैं। जहां एक ओर ERCP से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पानी मिलेगा, वहीं यमुना जल समझौते के तहत राज्य को उसका हक का पानी दिलाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा’ के दौरान जिस तरह से जनकल्याण के कार्य हुए, उससे यह साफ हो गया कि भजनलाल सरकार गरीब और अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी ध्यान में रखकर फैसले ले रही है। यही असली लोकतंत्र है – सबका साथ, सबका विकास।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भजनलाल जी को राजस्थान को सहकारिता के क्षेत्र में "टॉप 5" राज्यों में लाने के लिए सराहना दी है। ये सिर्फ एक तारीफ नहीं, बल्कि उस मेहनत की मान्यता है जो सरकार ने ज़मीनी स्तर पर दिखाई है।
इस साल राजस्थान का स्वास्थ्य बजट 27,660 करोड़ रुपए रहा , राज्य के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट। पिछले पांच सालों में कभी 6% से ऊपर नहीं गया बजट अब 8.26% तक पहुंच गया है। इसका मतलब है अब अस्पतालों में इलाज बेहतर होगा, सुविधाएं बढ़ेंगी और आम आदमी को राहत मिलेगी।
बिजली के क्षेत्र में भी बड़े कदम उठाए गए हैं। कुसुम योजना के तहत 1100 मेगावाट का सोलर प्लान लाया गया, जिससे 90,000 किसानों को दिन में बिजली मिल रही है। अब किसान ठंडी रातों में खेत में काम करने से बचेगा, उसकी सेहत और मेहनत दोनों की कद्र होगी।
"राइजिंग राजस्थान" जैसे इवेंट ने निवेशकों का विश्वास जीता है और अब राजस्थान में उद्योगों की संभावनाएं बढ़ रही हैं। सड़कों की हालत में भारी सुधार हुआ है – 18 महीनों में 1381 गांवों को सड़क से जोड़ा गया, जबकि पिछली सरकार ने पूरे पांच साल में सिर्फ 1104 गांवों को ही जोड़ा था।
जल संरक्षण के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व कार्य हुए हैं , 82,682 जल संरक्षण कार्य सिर्फ 18 महीनों में पूरे करना छोटी बात नहीं है, खासकर राजस्थान जैसे रेगिस्तानी राज्य में।
मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना से आमजन को बड़ी राहत मिल रही है। हर दिन 8000 मरीजों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है। अब इलाज के लिए किसी को शहरों में भटकने की जरूरत नहीं पड़ रही।
राजस्थान के लोग अब ये कहने लगे हैं कि बदलाव हो रहा है, और तेजी से हो रहा है। भजनलाल शर्मा की सरकार ने ये साबित किया है कि अगर नीयत साफ हो और नीति सशक्त हो, तो डेढ़ साल में भी बहुत कुछ बदला जा सकता है।
अभी तो शुरुआत है... लोगों की उम्मीदें और भी ऊंची हैं।
‘आपणो अग्रणी राजस्थान’ अब सिर्फ नारा नहीं, बल्कि हकीकत बनने की राह पर है।