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प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना

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प्रकाशित08 नवंबर 2024

प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है, योजना भारत में मेधावी छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे वित्तीय बाधाओं को दूर किया जा सके।

यहां इस योजना के मुख्य बिंदु हैं:

मिशन मोड मैकेनिज्म: इस योजना के तहत, देश के शीर्ष 860 गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश पाने वाले मेधावी छात्रों को शिक्षा ऋण देने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया जाएगा। इससे हर साल 22 लाख से अधिक छात्रों को लाभ मिलेगा।

विशेष ऋण उत्पाद: यह योजना छात्रों को गारंटर या कोलैटरल के बिना शिक्षा ऋण उपलब्ध कराएगी। आवेदन प्रक्रिया सरल, पारदर्शी, छात्र-अनुकूल और पूरी तरह से डिजिटल होगी।

क्रेडिट गारंटी: 7.5 लाख रुपये तक के ऋणों पर भारत सरकार 75% क्रेडिट गारंटी प्रदान करेगी, जिससे बैंकों को छात्रों को ऋण प्रदान करने में सहायता मिलेगी।

ब्याज सब्सिडी: परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये तक के छात्रों को 10 लाख रुपये तक के ऋण पर 3% की ब्याज सब्सिडी मिलेगी। यह पहले से ही 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले छात्रों को दी जा रही पूरी ब्याज सब्सिडी के अतिरिक्त है।

एनआईआरएफ रैंकिंग: यह योजना एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर शीर्ष 100 रैंक वाले सभी उच्च शिक्षा संस्थानों (सरकारी और निजी), राज्य सरकार के संस्थान जो 101-200 रैंक में हैं, और सभी केंद्र सरकार के संस्थानों पर लागू होगी। यह सूची हर साल अपडेट की जाएगी।

डिजिटल पोर्टल: छात्र शिक्षा ऋण और ब्याज सब्सिडी के लिए "PM-विद्यालक्ष्मी" एकीकृत पोर्टल पर आवेदन कर सकेंगे। ब्याज सब्सिडी का भुगतान ई-वाउचर और केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) वॉलेट के माध्यम से किया जाएगा।

अन्य योजनाएं: PM-विद्यालक्ष्मी पीएम-यूएसपी के केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी (CSIS) और शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (CGFSEL) को पूरक करेगी, जो पहले से ही 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले छात्रों को पूर्ण ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है।

प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना एक नजर में

उद्देश्य:

वित्तीय बाधाओं के कारण छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने से नहीं रोकना

शीर्ष गुणवत्ता वाले संस्थानों में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित करना।

कवरेज: यह योजना NIRF द्वारा रैंक किए गए शीर्ष 860 गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षण संस्थानों (QHEIs) में प्रवेश पाने वाले छात्रों को लक्षित करती है:

NIRF की समग्र, श्रेणी-विशिष्ट या डोमेन-विशिष्ट रैंकिंग में शीर्ष 100 में रैंक वाले सभी HEIs

NIRF में 101-200 रैंक पर आने वाले राज्य सरकार के HEIs

सभी केंद्र सरकार द्वारा संचालित संस्थान।

ऋण की विशेषताएं:

बिना गारंटी और जमानत के ऋण:छात्र बिना किसी गारंटर या कोलैटरल के शिक्षा ऋण प्राप्त कर सकते हैं।

ऋण राशि: ₹7.5 लाख तक के ऋणों पर भारत सरकार 75% क्रेडिट गारंटी प्रदान करती है, जिससे बैंकों को जोखिम कम होता है और ऋण वितरण को बढ़ावा मिलता है।

ब्याज सब्सिडी:

जिन परिवारों की वार्षिक आय ₹8 लाख तक है, उनके छात्र ₹10 लाख तक के ऋण पर 3% की ब्याज सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।

यह विशेष रूप से कोर्स अवधि के दौरान और रोजगार प्राप्त करने के बाद 6 महीने या एक वर्ष की मोरेटोरियम अवधि के दौरान लाभदायक है।

वार्षिक आय ₹4.5 लाख तक के परिवारों के छात्र मौजूदा योजनाओं जैसे कि केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी (CSIS) के तहत पूर्ण ब्याज सब्सिडी के लिए पात्र हैं।


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आवेदन प्रक्रिया:

डिजिटल प्लेटफार्म: ऋण और ब्याज सब्सिडी के लिए आवेदन एकीकृत "पीएम-विद्यालक्ष्मी" पोर्टल के माध्यम से किए जाएंगे, जो प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और पूरी तरह से डिजिटल बनाता है।

ब्याज सब्सिडी भुगतान: E-वाउचर और केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) वॉलेट के माध्यम से ब्याज सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा।

वित्तीय आवंटन: 2024-25 से 2030-31 तक के लिए ₹3,600 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति, जिससे हर साल लगभग 7 लाख नए छात्रों को ब्याज सब्सिडी का लाभ मिलेगा।0

व्यापक प्रभाव: यह पहल CSIS और शिक्षा ऋणों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (CGFSEL) जैसी पूर्व की पहलों के साथ मिलकर काम करती है, शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता को बढ़ाती है और उच्च शिक्षा में समावेश को बढ़ावा देती है।