पार्टी का परिचय: AIADMK एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल है जिसका प्रभाव तमिलनाडु राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में है। यह एक द्रविड़ पार्टी है
तारीख: 17 अक्टूबर 1972
स्थापक: "पुरैची थलाइवर" मारुदुर गोपालन रामचन्द्रन (MGR) "मक्कल थिलागम" भारत रत्न
स्थान: मदुरै, तमिलनाडु
इतिहास: MGR पहले द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) पार्टी के सदस्य थे।, एमजीआर, एम करुणानिधि के साथ 1970 के दशक में पार्टी के कोषाध्यक्ष थे, पार्टी अध्यक्ष एम करुणानिधि से मतभेद होने के कारण उन्हें निष्कासित कर दिया था
राज्य में: तमिलनाडु विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल
केंद्र में: सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा
"पुरैची थलाइवर" मारुदुर गोपालन रामचन्द्रन (MGR) "मक्कल थिलागम" भारत रत्न
"पुरैची थलाईवी" जयराम जयललिता "अम्मा"
पता: पुरैची थलाइवर एमजीआर मालिगाई, वीपी रमन सलाई, रोयापेट्टा , चेन्नई - 600014
इतिहास: यह इमारत 1986 में MGR की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री वीएन जानकी रामचंद्रन द्वारा पार्टी को दान में दी गई थी।
पार्टी तमिलनाडु में सात बार सरकार बना चुकी है।
भारत में मुख्यमंत्री बनने वाले पहले फिल्म अभिनेता एमजीआर AIADMK पार्टी से थे
एमजीआर 1953 तक कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे , और वह खादी पहनते थे।
एमजीआर की लोकप्रियता के कारण उस वक्त पार्टी ने अपनी स्थापना के पहले दो महीनों के भीतर लगभग दस लाख कार्यकर्ताओं की भर्ती की थी।
AIADMK पार्टी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लागू करने का समर्थन किया था
जयललिता पांच बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं।
17 अप्रैल 1999 को जयललिता के एक वोट से अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिरी थी।
AIADMK पार्टी से जयललिता देश में किसी राज्य की पहली सिटिंग सीएम थीं जिन्हें पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार का दोषी साबित किया गया।
AIADMK पार्टी के 2006 के कार्यकाल को “मानहानि की मानहानि” के मुक़दमों का कार्यकाल भी कहा जाता है (इस दौरान दायर किए गए 200 से ज़्यादा मुकदमों की सुप्रीम कोर्ट ने भी आलोचना की)
मार्च 1989 में तमिलनाडु विधानसभा में जो हुआ उसकी चर्चा आज तक देश में होती है जब तब के विपक्ष की नेता जयललिता का अपमान हुआ। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जब सीएम करुणानिधि ने बजट पेश करना शुरू ही किया था और जयललिता ने इसका विरोध शुरू कर दिया. इसके बाद किसी ने करुणानिधि पर फाइल फेंकी और उनका चश्मा टूट गया. इसकी प्रतिक्रिया में ट्रेजरी बेंच से किसी ने जयललिता की साड़ी खींच दी. तमिलनाडु की राजनीति में जयललिता तब पहली महिला थीं जो इस पद पर थी। साड़ी फटना और बाहर जाती जयललिता के इस दृश्य ने तमिलनाडु की राजनीति हमेशा के लिए बदल दी।