News & Media
Home  /  News & Media  /  पहले आपस में लड़ा चुनाव , अब बेनीवाल की पत्नी बनाम सवाई सिंह चौधरी की पत्नी का मुकाबला देखेगा खींवसर
Report

पहले आपस में लड़ा चुनाव , अब बेनीवाल की पत्नी बनाम सवाई सिंह चौधरी की पत्नी का मुकाबला देखेगा खींवसर

banner
Published  24 October 2024

चर्चित सीट खींवसर का रण किस किस के बीच होगा यह सामने आ चुका है। आरएलपी ने हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को टिकट दे दिया है। यह सीट भले ही 2008 से हनुमान बेनीवाल और उनके परिवार (नारायण बेनीवाल उप चुनाव में विधायक बने थे) के पास है लेकिन इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा यह कोई दावे से नहीं कह सकता है।

इस सीट पर जैसा ऊपर लिखा, हनुमान बेनीवाल का 2008 के चुनाव से ही कब्ज़ा है। चाहे वह भाजपा के सिम्बल पर लड़े हों या निर्दलीय रहकर चुनाव लड़ा हो या फिर बाद में अपनी खुद की पार्टी बना कर लड़े हों, बेनीवाल का जलवा ऐसा रहा है कि वो लगातार यहाँ से विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। उनके करिश्मे की ही बदौलत उनके भाई नारायण बेनीवाल खींवसर से विधायक बने जब सांसद बनने पर उन्होंने यह सीट खाली की थी और 2019 में उप चुनाव हुए थे। पर तब से लेकर अब तक दरिया में बहुत पानी बह चुका है। "Much water has flown down the Thames".


Image.png

बेनीवालको इसका पता चला 2023 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा के रेवंत राम डांगा ने बेनीवाल को उनके ही गढ़ में भारी चुनौती देते हुए मुश्किल में डाल दिया। कभी डांगा आगे हुए तोह कभी बेनीवाल का पलड़ा भारी पड़ा।

कई राउंड्स की काउंटिंग के दौरान सस्पेंस रहा कि क्या बेनीवाल हार सकते हैं?

बेनीवाल जीते तो सही लेकिन मार्जिन बहुत कम रहा।

डांगा ने 77,433 वोट लिए और बेनीवाल ने 79,492। जीत का मार्जिन रह गया 2059 वोट्स।

2018 में जब बेनीवाल ने अपने निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के कैंडिडेट सवाई सिंह चौधरी को हराया था तब उनकी जीत का मार्जिन 16948 वोट्स था। कांग्रेस ने इसे बार उन्हीं सवाई सिंह चौधरी की पत्नी रतन चौधरी को मैदान में उतारा है।

इतने कम अंतर से बेनीवाल की जीत के बाद जब लोकसभा चुनाव 2019 में हुए तो उनकी पार्टी को इंडिया गठबंधन का समर्थन मिल गया और नागौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने प्रत्याशी खड़ा नहीं किया।

भाजपा से हुए सीधे मुकाबले में बेनीवाल ने जीत दर्ज की। पर अब उनकी जीत के कारण खींवसर में उप चुनाव हैं और भाजपा ने उन्हीं रेवंत राम डांगा को मैदान में वापस उतारा है जिन्होंने बेनीवाल की जीत के अंतर को बहुत कम कर दिया था। अब मुकाबला त्रिकोणीय है, बेनीवाल ने अब अपनी पत्नी को भी टिकट दे दिया है और आरएलपी समेत तीनों मुख्य पार्टियों के प्रत्याशी अब सामने हैं।

आने वाले दिन खींवसर, नागौर तथा प्रदेश की जाट राजनीति के लिए एक नया दौर लाएंगे।